Sahara India News : सहारा इंडिया एक चिटफंड कंपनी जो आज के समय में देश के कानून व्यवस्था के साथ मजाक करने वाली एक कंपनी है। सहारा का मालिक सुब्रत राय बंदे में तो दम है लेकिन निवेशक से लेकर सरकार पुलिस को नाच नाचा रहा है। वहीं मीडिया को भी बेवकूफ बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। सहारा इंडिया चाहता है कि हमारी कहीं का भी खबर मीडिया में नहीं दिखाया जाए। आइए जानते हैं पूरी खबर।
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दोस्त उपभोक्ता फोरम और जिला कोर्ट के बात करें तो हाईकोर्ट और देश का सुप्रीम कोर्ट में इनके ठेंगे पर है। सुब्रत राय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते हैं और अपनी मनमानी करते हैं। लगातार देखा जाए 8 वर्षों से तो सुब्रत राय ने यह दिखा दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में मेरे आगे कुछ भी नहीं हैं मैं स्वयं ही कोर्ट हूं और राज्य सरकार केंद्र सरकार और कानून सब बेकार है।
पुलिस उंगलियों पर नाचती है फिलहाल चर्चा में है कि मामला विश्व का सबसे बड़ा घोटाला में से एक सहारा माना जा रहा है। आपको बता दें कि 500000 करोड़ की सोसाइटी के निवेशकों की देनदारी के इस मामले में देश के 13 करोड़ निवेशक और इसके साथ ही 70 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। सहारा चिटफंड कंपनी के मामले में कहा जा रहा है कि लगभग 1000 से अधिक f.i.r. सहारा कंपनी पर दर्ज हुई है। 20 से अधिक राज्यों की पुलिस इन साहब को ढूंढ रहे हैं लेकिन सुब्रत राय को कानून व्यवस्था भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
फिलहाल सुब्रत राय की तलाश में कल 12 थानों की पुलिस सहारा शहर में फर्जी छापामारी की। सुब्रत राय पुलिस की निगरानी में लगातार हैं वह दिल्ली में है उनको गनर मिले हैं। पुलिस अगर उन्हें वाकई में गिरफ्तार करती है तो वह सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्डों का सहारा ले सकती है। लेकिन मुझे लगता है कि सब मात्र दिखावा है।
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क्या 5 लाख करोड़ का है सोसाइटी का घोटाला, Sahara India News
आपको बता दें कि सहारा का मामला 2जी स्पेक्ट्रम से भी बड़ा है। 2G का घोटाला तो कागज पर ही था मगर सहारा का मामला आम जनता से पैसे लेने का है देश के कई राज्यों में शहर से भुगतान पाने के लिए जनता में त्राहिमाम मचा हुआ है। सरकारी आंकड़े के अनुसार 13 करोड़ लोग सहारा के निवेशक हैं। और जो पैसे लेने के लिए दिन पर दिन धरना प्रदर्शन करते हैं और सोचते हैं कि हमारा पैसा धरना प्रदर्शन करने से ही मिल जाएगा।
निवेशकों का पैसा मैच्योरिटी पूरी हो गई है लेकिन सारा की तरफ से वापस नहीं मिला है दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और सुब्रत राय सहारा मालिक चुप हैं।
सुब्रत राय पिछले वर्ष यह स्वीकार किए थे कि उनका लगभग डेढ़ लाख करोड़ की देनदारी पब्लिक की है हालांकि बताया जा रहा है कि इससे कई गुना देनदारी आम कि सहारा समूह के ऊपर है।
सुब्रत राय पर अब दया करना जनहित में नहीं माना जाता केंद्र सरकार अब किसी भी दिन इनके ऊपर हंटर चला सकती है क्योंकि कई राज्यों में सहारा के निवेशक सहारा से भुगतान नहीं मिल रहा है तो धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लगातार 2024 में मतदान नहीं का नारा बुलंद कर रहे हैं। केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय की नजर में अब यह सहारा समूह किरकिरी बना हुआ है।
कंपनी के आंकड़े की बात करें तो यह 30 मार्च 2021 तक 105000 करोड का ₹854 की महज देनदारी है। यह आंकड़ा 31 मार्च 2021 का है लगभग 1 वर्ष से अधिक समय हो गया है इस आंकड़ों में अगर देखें तो लगभग दो लाख करोड़ की देनदारी 2022 के अंत तक हो चुकी है जबकि वास्तविक रूप से यह आंकड़ा 4 से 5 लाख करोड़ आसपास बताया जा रहा है।