12th Physics 19 September Answer Key 2025: Bihar Board 12th Physics Objective Subjective Half Yearly Exam 2025, Vkc Result
12th Physics 19 September Answer Key 2025:
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन किया गया है 19 सितम्बर से 27 सितम्बर 2025 के बीच आयोजित किया गया है जो दो पालियों में चलेगा आज भौतिक शास्त्र परीक्षा जो फर्स्ट सिटिंग होने वाली है इस पोस्ट में ( 12th Physics Objective Subjective Half Yearly Exam) मिलने वाला है जो कि नीचे दिया गया है पूरा पोस्ट अवश्य पढ़े…
19 September 12th Physics Objective Subjective 2025:- View
| Bihar Board Exam | 12th Half Yearly Exam 2025 |
| Subject | Physics |
| Exam Date | 19 September 2025 (9:30 :: 12:45) |
Bihar Board 12th Half Yearly Exam 2025 Routine: कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा कितने पाली में होगी।
दोस्तों आप सभी को बता दे कि बिहार बोर्ड के द्वारा कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का शुभारंभ 19 सितंबर 2025 से लेकर 27 सितंबर 2025 तक चलने वाली है, और कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा को दो पाली में आयोजित की जाएगी, प्रथम पाली की परीक्षा, सुबह 9:30 AM से 12:45 PM तक प्रथम पाली की परीक्षा चलेगी और द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 2:00 PM से 5:15 PM तक सेकंड पाली की परीक्षा चलने वाली है।
Bihar Board 12th Physics Half Yearly Exam 19 September Objective Answer Key 2025:-
| 1-B | 11-C | 21-C | 31-D | 41- |
| 2-B | 12-A | 22-C | 32-B | 42-C |
| 3-C | 13-B | 23-C | 33-A | 43-B |
| 4-C | 14-A | 24-B | 34-C | 44-B |
| 5-A | 15-D | 25-A | 35-C | 45-C |
| 6-A | 16-B | 26-D | 36-C | 46-C |
| 7-B | 17-D | 27-C | 37-B | 47-C |
| 8-B | 18-B | 28-B | 38-C | 48-A |
| 9-A | 19-D | 29-C | 39-B | 49-B |
| 10-B | 20-B | 30-C | 40-C | 50-C |
| 51-A | 52- | 53- | 54-C | 55-C |
Bihar Board 12th Physics Subjective Answer 2025 19 September 2025 , 12th Physics Question Answer Half Yearly :-
Q. 1 आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दें। इसके S.I. मात्रक को लिखें।
Ans– आवेश का आयतन घनत्व अंतरिक्ष के प्रति इकाई आयतन में मौजूद विद्युत आवेश की मात्रा है, जिसे ρ (रो) से दर्शाया जाता है. इसका SI मात्रक *कूलम्ब प्रति घन मीटर (C/m³) * है, जो आवेश (कूलम्ब) को आयतन (घन मीटर) से विभाजित करने पर प्राप्त होता है.
Q. 2 किसी सतह पर विद्युत फ्लक्स की परिभाषा दें।
Ans– वैद्युत फ्लक्स- किसी वैद्युत क्षेत्र में स्थित किसी काल्पनिक पृष्ठ से, पृष्ठ के लम्बवत दिशा में गुजरने वाली कुल वैद्युत बल रेखाओं की संख्या को उस पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स कहते हैं। इसे ϕE से प्रदर्शित करते है।
Q. 3 गांस और एम्पीयर के नियमों की तुलना करें।
Ans– गाउस नियम विद्युत क्षेत्र से संबंधित है जो स्थिर आवेशों से उत्पन्न होता है, जबकि एम्पीयर का नियम चुंबकीय क्षेत्र से संबंधित है जो विद्युत धाराओं द्वारा उत्पन्न होता है। गाउस नियम एक बंद सतह से गुजरने वाले विद्युत प्रवाह को बताता है, जबकि एम्पीयर का नियम किसी बंद लूप के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र के परिसंचरण को बताता है। दोनों नियम विद्युत चुंबकत्व में समाकल (integral) विधियाँ हैं, जो उच्च समरूपता (high symmetry) वाले मामलों में विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों की गणना करने की प्रक्रिया को सरल बनाती हैं।
Q. 4 चालक में इलेक्ट्रॉन का अपवाही बैग के लिए व्यंजक निकालें।
Ans– वह औसत वेग जिससे चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन अणुओं से टकराते हुए बाह्य विधुत क्षेत्र के प्रभाव में धन की तरफ आगे बढ़ते है, अपवाह या अपवहन वेग कहते है |
Q. 5 किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र में दूसरे प्लेट की क्या भूमिका है ?
Ans– समानांतर पट्टिका संधारित्र में दूसरी प्लेट पहली प्लेट को आवेश ग्रहण करने में मदद करती है, जिससे संधारित्र की धारिता बढ़ती है और प्लेटों के बीच एक समान विद्युत क्षेत्र बनता है। यह बिना संपर्क के पारस्परिक प्रेरण (mutual induction) द्वारा विपरीत आवेश प्राप्त करती है, जिससे पहली प्लेट का विभव कम हो जाता है और उसमें अधिक आवेश जमा किया जा सकता है।
Q. 6 आवेश संरक्षण का सिद्धांत क्या है?
Ans– आवेश संरक्षण का सिद्धांत कहता है कि एक पृथक (या बंद) प्रणाली का कुल विद्युत आवेश सदैव स्थिर रहता है, अर्थात आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल उसे एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित किया जा सकता है। किसी भी प्रक्रिया से पहले और बाद में निकाय का शुद्ध आवेश समान रहता है।
Q. 7 विभवमापी के दो उपयोगों को लिखें।
Ans– विभवमापी के दो मुख्य उपयोग हैं किसी सेल के विद्युत वाहक बल (emf) का सटीक मापन करना और दो सेलों के विद्युत वाहक बल की तुलना करना। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग किसी सेल के आंतरिक प्रतिरोध का मान ज्ञात करने और किसी विद्युत परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विभवांतर का मापन करने के लिए भी किया जा सकता है।
Q. 8 आभासी नमन से आप क्या समझते हैं ?
Ans– पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के अँलावा अन्य याम्योत्तर में नमन कोण के मान को ही आभासी नमन कहा जाता है।
Q.9 धातु की प्रतिरोधकता पर तापमान बढ़ने का क्या असर होता है ?
Ans– (i)चालक- ताप बढ़ाने पर चालक की प्रतिरोधकता बढ़ जाती हैं |
(ii)अर्ध्दचालक-ताप बढ़ाने पर अर्ध्दचालक की प्रतिरोधकता कम हो जाती है |
(iii)विधुत-अपघट्य- ताप बढ़ाने पर विधुत-अपघट्य की प्रतिरोधकता कम हो जाती है |
Q. 10 विद्युत बाहक बल एवं विभबांतर में क्या अन्तर है?
Ans– विद्युत वाहक बल (emf) प्रति एकांक आवेश को पूरे परिपथ में (सेल सहित) प्रवाहित करने में स्रोत द्वारा दी गई ऊर्जा है, जबकि विभवांतर परिपथ में किन्हीं दो बिंदुओं के बीच एकांक आवेश को प्रवाहित करने में प्रयुक्त ऊर्जा है. विद्युत वाहक बल परिपथ के आंतरिक प्रतिरोध से स्वतंत्र होता है, लेकिन विभवांतर परिपथ के प्रतिरोध पर निर्भर करता है. विद्युत वाहक बल हमेशा विभवांतर से अधिक होता है और खुले परिपथ में भी मौजूद होता है.
Q. 11 ऐम्पियर का परिपथीय नियम क्या है ?
Ans– इस नियम के अनुसार , निर्वात में किसी बंद परिपथ के लिये चुंबकीय क्षेत्र →B का रेखीय समाकलन उस पथ से घिरी कुल धारा का μ0 गुना होता है । गणितीय रूप में इसे निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है –
Q. 12 दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा में क्या अंतर है ?

Q. 13 समझाइए कि ट्रांसफार्मर का क्रोड परतदार क्यों होता है ?
Ans– चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण ट्रांसफॉर्मर के क्रोड में भँवर धाराएं उत्पन्न हो जाते है । इसलिए क्रोड गर्म हो जाता है । इस क्रिया में विद्युत ऊर्जा, ऊष्मा के रूप में परिवर्तित होती है, इस घटना को आयरन लॉस कहते है, चूँकि क्रोड नरम लोहा के पतले चादर का बना होता है जिस पर ऑक्सइड का कोर चढ़ा होता है, इस कारण भँवर धारा कम उत्पन्न होती है ओर आयरन लॉस बहुत कम होता है।
Q. 14 भंवर धाराएँ क्या है ? इसका क्या प्रायोगिक उपयोग है ?
Ans– भँवर धाराओं के उपयोग-
1. धारामापी को रुद्ध दोल बनाने में – चलकुंडली धारामापी को रुद्ध दोल बनाने के लिए उसकी कुंडली को एल्युमिनियम के फ्रेम पर लपेटते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र में कुंडली के विक्षेपित होने पर फ्रेम में भँवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं, जो कुंडली की गति का विरोध करके शीघ्र ही मध्य स्थिति में ला देती हैं।
2. प्रेरण भटटी में – यदि किसी धातु को तीव्र परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र में रख दिया जाये तो उसमे प्रबल भँवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं, अतः इतनी अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है की धातु पिघल जाती है। प्रेरण भट्टी इसी सिद्धांत पर कार्य करती है।
3. विद्युत ब्रेक में – विद्युत ट्रेन, कार, जीप आदि को रोकने के लिए विद्युत ब्रेक का उपयोग किया जाता है। इनकी पहिए की धुरी के साथ धातु का एक ड्रम लगा रहता है, जो पहियों के साथ-साथ घूमता है। जब वाहन को रोकना होता है तो ड्रम के पास तीव्र चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर दिया जाता है, जिससे ड्रम में प्रबल भँवर धाराएँ उत्पन्न होती हैं, जो ड्रम के साथ-साथ पहियों को भी रोक देती हैं।
Q. 18 शंट के दो उपयोग लिखें।
Ans– शंट के दो मुख्य उपयोग हैं: गैल्वेनोमीटर को एमीटर में बदलना और विद्युत परिपथ को उच्च धाराओं से बचाना।
Q. 19 स्टील तथा नरम लोहे के चुम्बकीय गुणों की तुलना करें।
Ans– स्टील तथा नर्म लोहा दोनों चुम्बकीय पदार्थ हैं, लेकिन उनके चुम्बकीय गुण भिन्न होते हैं. नर्म लोहा चुंबकीय रूप से नरम होता है; इसे आसानी से चुम्बकित और विचुम्बकित किया जा सकता है, जिससे यह विद्युत चुम्बक के लिए आदर्श होता है, लेकिन यह अपना चुम्बकत्व जल्दी खो देता है. इसके विपरीत, स्टील चुंबकीय रूप से कठोर होता है; इसे चुम्बकित होने में अधिक समय लगता है, लेकिन यह अपना चुम्बकत्व लंबे समय तक बनाए रखता है, इसलिए स्थायी चुम्बक बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.
|
Bihar Board 12th Half Yearly Exam 2025:- Imp Link |
|
| 12th Physics Objective | Click Here |
| 12th Physics Subjective | Click Here |
| 12th Chemistry Answer Key | Click Here |
| Join Telegram | Click Here |
| Join WhatsApp Group | Click Here |
निष्कर्ष
बिहार बोर्ड 12वीं भौतिकी की अर्धवार्षिक परीक्षा विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह परीक्षा वार्षिक परीक्षा की तैयारी में मदद करती है। सभी छात्रों को सुझाव दिया जाता है कि वे NCERT + Class Notes का अच्छे से अभ्यास करें और Objective + Subjective दोनों प्रश्नों की तैयारी करें।
Bihar Board 12th Half Yearly Exam 2025: 11th Quarterly Exam 2025 Time Table ऐसे करों डाउनलोड